"Destiny is not a matter of chance,
it is a matter of choice;
it is not a thing to be waited for,
it is a thing to be achieved."

Friday, February 10, 2012

परदेस में फागुन.....

इस बरस मौसम
कुछ अलग से रंग में है
बाहर बर्फ़ की सफ़ेद चादर बिछी है
और मन है कि
फागुन की तरंग में है
भँवरा बन के उड़ रहा है
फूलों की क्यारी में

कभी आम के बौर से लदी शाखें
पास बुलाती हैं
कभी सरसों के पीले खेत
हाथ हिलाते हैं
लाल, पीले, नीले, बसंती,
कितने रंग बिखरे होते थे
घर के आँगन में
और जब कोई
मुठ्ठी भर रंग लेकर
पीछे आता था
तो हम घबरा के कहते थे
"बस ज़रा-सा गुलाल"

आज मन उन स्मृतियों से
घिरा बैठा है
क्या होता है ना मन भी
बस वही माँगता है
जो बस में नहीं है
काश!
इस बरस तो फागुन
कुछ चटख रंग लेकर आए
बाहर बर्फ़ की सफ़ेद चादर ही सही
अंतर्मन तो सतरंगी हो जाए

-सारिका सक्सेना

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